विवरण: अल्बा, एक पतली गोरी, आत्म-आनंद में लिप्त है, उसकी उंगलियां विशेषज्ञता से अपनी गीली झांटों की खोज कर रही हैं। जब वह परमानंद के कगार पर खुद को छेड़ती है, तो उसकी कराहें कमरे को भर देती हैं, उसका साथी उसके कच्चे, बिना फ़िल्टर किए हुए आनंद के हर पल को कैद कर लेता है।