विवरण: गर्म रात्रिभोज के बाद मेरे पति को मिठाई की तलब लगी हुई थी। मैंने अपने ताजगी से नहाए हुए शरीर से उसे अपने मीठे अमृत तक चिढ़ाया। वह उत्सुकता से मुझे खा गया, उसकी जीभ मेरे रसीले खजाने के हर इंच की खोज कर रही थी। मैं हर पल का स्वाद लेती थी, उम्मीद करती थी कि वह और भी अधिक मांगे।