विवरण: एक मस्तिष्क-मृत व्यक्ति कॉलेज के काम में तब तक संघर्ष करता है जब तक कि उसकी सौतेली बहन कोई समाधान नहीं निकाल देती। वह उसे अपने मुँह से परोसती है, जिससे एक मनमोहक अध्ययन सत्र शुरू हो जाता है। छात्रावास मौखिक और अंतरंग देखभाल के माध्यम से बौद्धिक उत्तेजना का केंद्र बन जाता है।